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Tuesday, December 1, 2015

साबुन है सुखडका

मेरा साबुन है सुखडका
मेरा क्रीम जास्मिनी
मेरा पावडर पारिजातक
फिर भी खुशबु पसिनाकी ... मेरा साबुन है

बसमें बैठे, ट्रेनमे बैठे
सबको बाटे ये खुश्बो
अपनी अपनी सब की प्यारी
सहियारी हम सबकी ..... मेरा साबुन है

चाट मसाला, भाजी पाव,
भेल,लसून, आचार,
क्या क्या खाया जो है ये खुश्बो
मिटती नहीं मिटाते........मेरा साबुन है

बाँट रहे सब अपनी अपनी
देश और  परदेश में
साबुन चाहे जो भी लाये
खुशबु फिर भी स्वदेशी....मेरा साबुन है


मीनल पंड्या












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